वीडियो जानकारी:<br /><br />२९ अप्रैल, २०१८<br />अद्वैत बोधस्थल,<br />ग्रेटर नॉएडा<br /><br />प्रसंग:<br /><br />कार्ये कारणताऽऽयाता कारणे न हि कार्यता।<br />कारणत्वं स्वतो गच्छेत्कार्याभावे विचारतः॥ १३५॥<br /><br />भावार्थ: कार्य में कारण अनुगत होता है, कारण में कार्य अनुगत नहीं होता। अतः विचार करने से कार्य का अभाव होने के कारण कारण की कारणता भी नहीं रहती।<br /><br />~ अपरोक्षानुभूति<br /><br />अपरोक्षानुभूति को कैसे समझें?<br />वृत्ति को मिटाने के क्या उपाय हैं?<br />वृत्ति को कैसे मिटाएँ?<br />क्या वृत्ति पर न चलने से वृत्ति मिट जाती है?<br />वृत्तियों के प्रवाह से कैसे बचें?<br />जीव की मूल वृत्ति कौन सी होती है?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते